Wednesday 10 May 2017

जय सोमनाथ

जय सोमनाथ
आज ही के दिन 11 मई 1951मे भारत के तात्कालीन राष्ट्रपति डा राजेंद्र प्रसाद के हाथों सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की पुनर्प्राणप्रतिष्ठा हुई थी। वास्तव मे यह नवभारत के निर्माण की प्रतीष्ठा थी जिसके पुरोधा बने सरदार पटेल।सरदार पटेल के इस संकल्प की प्रष्ठभूमि मे जो महापुरुष थे उनकी चर्चा कम ही होती है।के.एम मुन्शी, काकासाहेब गाडगिल व जूनागढ़ के महाराजा जामसाहेब। के.एम.मुन्शी श्री अरविंद के मन्त्र शिष्य थे। मंदिर निर्माण के लिये पहला दान जामसाहेब ने किया जो 1लाख रुपये था।
इस विषय पर मुन्शीजी और नेहरूजी की खूब बहस हुई।नेहरूजी नही चाहते थे कि उनकी सेक्युलर छवि खराब हो,पनिक्कर जैसे लोग लगातार उनके कान भरते रहे।
मुन्शीजी ने नेहरूजी को पत्र मे लिखाहै-' यह केवल मंदिर निर्माण नही है अपितु भारत की सामुहिक चेतना का जागरण है'।
सारे प्रतिरोध इन महापुरुषों क संकल्प के  आगे ढह गये । गांधीजी के सुझाव पर एक ट्रस्ट बनाया गया। चालुक्य शैली मे बने इस मंदिर को 1995 मे राष्ट्रपति डा शंकर दयाल शर्मा द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया। इस कार्य मे मां के यन्त्र बने सभी महापुरुषों को नमन।

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