एपीजे अब्दुल कलाम साहब का नाम जब भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया और उनके शपथ ग्रहण की तिथि तय हो गई तो प्रोटोकाल व व्यवस्था में लगे एक अधिकारी ने उनसे पूछा - सर, आपके शपथ ग्रहण समारोह में आपके परिवार और मित्रों में से किन किन को बुलाना है, लिखवाइये।
कलाम साहब बोले - "नाम तो याद नहीं है पर जिन जिन शिक्षकों ने मुझे प्राथमिक कक्षाओं में पढाया है उन सभी को ससम्मान समारोह में बुलाया जाये।"
फिर क्या था कलाम साहब जिस स्कूल में पढे वहां का रिकार्ड ढूंढा गया। शिक्षकों की खोज की गई और जो जीवित थे उन्हें सम्बन्धित जिला कलेक्टर ने विशेष हेलिकाप्टर अथवा वायुयान से उन्हें दिल्ली पहुंचाया और उन शिक्षकों के निजी सहायक के रूप में सम्बन्धित जिला कलेक्टर स्वयं साथ रहे।
किसी देश का बौद्धिक विकास उस देश के योग्य शिक्षकों पर निर्भर करता है। वह शिक्षक वर्ग ही है जो समाज को परिवर्तित करने का हुनर रखता है।
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