वीर छत्रसाल
ये मध्यकालीन भारत के शूरवीर , प्रतापी राजा थे । इनके पिता ने आजीवन मुगलों से संघर्ष किया और अपने ही लोगों द्वारा धोखा दिए जाने के कारण पत्नी सहित आत्महत्या करनी पड़ी । उस समय छत्रसाल की आयु मात्र 12 वर्ष थी । जंगल में पले बढे । निराशा के माहौल में छत्रसाल वीर शिवाजी से मिले ।शिवाजी ने इनको स्वराज्य का मन्त्र दिया और 'भवानी' तलवार उपहार में देकर मुगलों के खिलाफ लड़ने को प्रेरित किया । इन्होने विषम परिस्थितियों में मात्र 5 घुड़सवार और 25 पैदल लोगों की सेना लेकर औरंगजेब से संघर्ष शुरू किया और एक दिन स्वतंत्र बुंदेलखंड राज्य की स्थापना की । 44 साल के राज्यकाल में 52 युद्ध किए । इन्हें बुंदेलखण्ड का शिवाजी भी कहा जाता था ।
बाजीराव पेशवा को अपना तीसरा बेटा मानकर उन्हें बाँदा की जागिरी भेंट में दी थी व अपनी अद्वितीय सुंदरी, पराक्रमी बेटी मस्तानी का विवाह बाजीराव पेशवा से करवाया था.....!!
इस योद्धा को शत शत नमन !
( 4 मई 1649 - 20 दिसम्बर 1731 )
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Wednesday, 3 May 2017
वीर छत्रसाल
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