Sunday, 23 April 2017

अच्छे कर्म

1 दिन एक राजा ने अपने 3 मन्त्रियो को दरबार में  बुलाया, और  तीनो  को  आदेश  दिया  के  एक  एक  थैला  ले  कर  बगीचे  में  जाएं ..,
और
वहां  से  अच्छे  अच्छे  फल  (fruits ) जमा  करें . 
वो  तीनो  अलग  अलग  बाग़  में प्रविष्ट  हो  गए ,
पहले  मन्त्री  ने  कोशिश  की  के  राजा  के  लिए  उसकी पसंद  के  अच्छे  अच्छे  और  मज़ेदार  फल  जमा  किए जाएँ , उस ने  काफी  मेहनत  के  बाद  बढ़िया और  ताज़ा  फलों  से  थैला  भर  लिया ,

दूसरे मन्त्री  ने  सोचा  राजा  हर  फल  का परीक्षण  तो करेगा नहीं , इस  लिए  उसने  जल्दी  जल्दी  थैला  भरने  में  ताज़ा , कच्चे , गले  सड़े फल  भी  थैले  में  भर  लिए ,

तीसरे  मन्त्री  ने  सोचा  राजा  की  नज़र  तो  सिर्फ  भरे  हुवे थैले  की  तरफ  होगी  वो  खोल  कर  देखेगा  भी  नहीं  कि  इसमें  क्या  है , उसने  समय बचाने  के  लिए  जल्दी  जल्दी  इसमें  घास , और  पत्ते  भर  लिए  और  वक़्त  बचाया .

दूसरे  दिन  राजा  ने  तीनों मन्त्रियो  को  उनके  थैलों  समेत  दरबार  में  बुलाया  और  उनके  थैले  खोल  कर  भी  नही देखे  और  आदेश दिया  कि , तीनों  को  उनके  थैलों  समेत  दूर  स्थान के एक जेल  में  ३  महीने  क़ैद  कर  दिया  जाए .

अब  जेल  में  उनके  पास  खाने  पीने  को  कुछ  भी  नहीं  था  सिवाए  उन  थैलों  के ,
तो  जिस मन्त्री ने  अच्छे  अच्छे  फल  जमा  किये  वो  तो  मज़े  से  खाता  रहा  और  3 महीने  गुज़र  भी  गए ,

फिर  दूसरा  मन्त्री जिसने  ताज़ा , कच्चे  गले  सड़े  फल  जमा  किये  थे,  वह कुछ  दिन  तो  ताज़ा  फल  खाता  रहा  फिर  उसे  ख़राब  फल  खाने  पड़े , जिस  से  वो  बीमार  होगया  और  बहुत  तकलीफ  उठानी  पड़ी .

और  तीसरा मन्त्री  जिसने  थैले  में  सिर्फ  घास  और  पत्ते  जमा  किये  थे  वो  कुछ  ही  दिनों  में  भूख  से  मर  गया .

**** अब  आप  अपने  आप  से  पूछिये  कि  आप  क्या  जमा  कर  रहे  हो  ??

आप  इस समय जीवन के  बाग़  में  हैं , जहाँ  चाहें  तो  अच्छे कर्म जमा  करें ..
चाहें  तो बुरे कर्म ,

मगर याद रहे जो आप जमा करेंगे वही आपको आखरी समय काम आयेगा  क्योंकि दुनिया क़ा राजा आपको चारों ओर से देख रहा है  ।

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