अपनी मेहनत अपना हाथ ;
कृपा करेंगे भोले नाथ !
साधकजनों आज एक ट्रक के पीछे ये उक्ति ये सीख पढ़ने को मिली !फिर इसी सीख के ऊपर एक जीवंत उदाहरण भी शाम होते-२ मिला !
एक White Wash करने वाला मिस्त्री कहियेगा मजदूर कहियेगा उनसे थोडा वार्तालाप हुआ !उन्होंने बताया कि किस तरह वे अपना जीवन यापन करते है !एक रूपया सीमेन्ट का खाली प्रयोग हुआ कट्टा खरीद कर तो उसे साफ सुथरा बनाते है फिर उनकी पत्नी सिलाई मशीन से इन्ही कट्टो को Bags में बदल देती है !फिर ये Bags बाजार में 50 रुपये प्रति दर्जन बेच देते है दाल रोटी चल रही है !
घटना छोटी सी भले ही है पर जीवन की महत्वपूर्ण शिक्षा प्रदान करती है !कितनी मेहनत से यह परिवार अपना गुजर बसर कर रहा है !न माँग कर और न ही बेईमानी का खाना यह इस परिवार का आदर्श रहा है !
ऐसी कमाई में फिर बरकत क्यों न हो शांति फिर क्यों न मिले चेहरे पर तनाव की बजाय खुशी फिर क्यों न हो ?
एक तरफ वे है जो बताते कुछ है कमाते कुछ है फिर परमात्मा उनसे सूद समेत वापिस क्यों न ले ?
साधकजनों रूखी सूखी रोटी भले ही क्यों न हो पर ईमानदारी की हो प्रयत्न कीजियेगा !
बेईमानी की कमाई का स्वभाव है कि ये निकास चाहती है कोई मुक़दमा गले आन पड़ेगा कोई मर्ज़ (बीमारी) दबोच लेगी कोई संकट आन दबोच लेगा संतान निक्कमी निकल आयेगी और भी न जाने क्या-२.....ऐसा इसलिये कि इस बेईमानी की कमाई को निकास चाहिये !
बेईमानी की कमाई कुछ समय के लिये लौकिक सुख सुविधायें तो प्राप्त कर सकती है पर आप को सदा-२ के लिये पारमार्थिक सुख से वंचित कर देंगी ;आपके सब भाव दग्ध कर देंगी !
आप ही कई बार कुछ व्यक्तियों के लिये कहते है ना कि इसे इंसानो की इंसानियत की कोई कद्र नही इसके लिये तो सब कुछ पैसा है !
ऐसे व्यक्तियों का क्या होगा परमात्मा जाने पर एक साधक होने के नाते हमें इस बेईमानी की कमाई से बचना चाहिये !
कृपा करेंगे भोलेनाथ....अर्थात ईमानदार व्यक्तियो को परमात्मा रंग लगता है सब मुसीबतो से बचाता है !
कीजियेगा प्रयास ईमानदार बनने का !
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