Thursday 11 May 2017

अब्राहम लिंकन

अब्राहम लिंकन अमेरिका में संयुक्त राज्य की परिषद के प्रधान हुए है । उनकी बचपन में कुछ पढ़ाई नहीं हुई थी और न उनके प्रभावशाली मित्र ही थे । अंत में जब वह अदालतों में वकालत का अभ्यास करने लगे तो राजनीतिक अभियोगों में निर्बल पक्ष वालो की ओर से वकालत करने लगे, जिससे उनका थोड़ा बहुत महत्व भी खतरे में पड़ गया । निस्सहायों का किसी राज्य के मुकाबले में पक्ष लेना कुछ साधारण साहस की बात नहीं है । ऐसे साहस पर अवलंबित रहते हुए वह एक दिन काँग्रेस के मेम्बर ही नहीं अपितु , प्रधान भी हो गये । अब्राहम लिंकन जिस बात को सत्य मान लेते थे, वह लोकमत से कितनी ही प्रतिकूल हो, उसे सम्पूर्ण किये बिना नहीं रहते थे । उस समय अमेरिका में गुलामी की प्रथा प्रचलित थी । गुलामी के मुकदमे अदालत में बहुत आते थे । किसी भागे हुए गुलाम के मुकदमे को जब कोई भी वकील हाथ में नहीं लेता था तो लिंकन उस गरीब का वकालत नामा प्रस्तुत करते थे । गुलामों के वकील होने के कारण उनसे गोरे लोग बहुत घृणा करते और उनकी उन्नति में बाधाएँ डालते थे । परन्तु अब्राहम लिंकन आपत्तियों से घबराये नहीं वे लोगों का हृदय इस प्रकार जीतकर महान बने ।

No comments:

Post a Comment