Wednesday 19 April 2017

प्रभू की मेहरबानी

एक व्यक्ति एक दिन बिना बताए काम पर नहीं गया.....
मालिक ने,सोचा इस कि वेतन बढ़ा दी जाये तो यह
और दिल्चसपी से काम करेगा.....और उसकी वेतन बढ़ा दी....अगली बार जब उसको वेतन से ज़्यादा पैसे दियेतो वह कुछ नही बोला चुपचाप पैसे रख लिये.....
कुछ महीनों बाद वह फिर ग़ैर हाज़िर हो गया......

मालिक को बहुत ग़ुस्सा आया.....
सोचा इसकी वेतन बढ़ाने का क्या फायदा हुआ
यह नहीं सुधरेगा और उस ने बढ़ी हुई वेतन कम कर दी और इस बार उसको पहले वाली ही वेतन दी......वह इस बार भी चुपचाप ही रहा और ज़बान से कुछ ना बोला....तब मालिक को बड़ा ताज्जुब हुआ....उसने उससे पूछा कि जब मैने तुम्हारे ग़ैरहाज़िर होने के बाद तुम्हारी वेतन बढा कर दी तुम कुछ नही बोले और आज तुम्हारी ग़ैर हाज़री पर वेतन कम कर के दी फिर भी खामोश ही रहे.....!!

इस की क्या वजह है..? उसने जवाब दिया....जब मै पहले ग़ैर हाज़िर हुआ था तो मेरे घर एक बच्चा पैदा हुआ था....!!

आपने मेरी वेतन बढ़ा कर दी तो मै समझ गया.....
परमात्मा ने उस बच्चे के पोषण का हिस्सा भेज दिया है......और जब दोबारा मै ग़ैर हाजिर हुआ तो मेरी माता जी का निधन हो गया था...जब आप ने मेरी वेतन कम
दी तो मैने यह मान लिया की मेरी माँ अपने हिस्से का
अपने साथ ले गयीं.....

फिर मै इस वेतन की ख़ातिर क्यों परेशान होऊँ
जिस का ज़िम्मा ख़ुद परमात्मा ने ले रखा है......!!

: एक खूबसूरत सोच :
अगर कोई पूछे जिंदगी में क्या खोया और क्या पाया,
तो बेशक कहना, जो कुछ खोया वो मेरी नादानी थी और  जो भी पाया वो प्रभू की मेहरबानी थी, खुबसूरत रिश्ता है मेरा और भगवान के बीच में, ज्यादा मैं मांगता. नहीं और कम वो देता नहीं.. I

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